लाज रखो मेरे असुवन की भजन लिरिक्स

लाज रखो मेरे असुवन की,
आस लगी है, आस लगी है,
आस लगी है, तेरे दर्शन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।

तर्ज – मैं गुड़िया तेरे आँगन की।



दिल की लगी लगी है तुझसे,

बाँट निहारूं जोहूं मैं कबसे,
हुई हंसी मेरे अधरन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।



अश्क मेरे नहीं रुकते है,

अब तो छुपाए ना छुपते है,
मोहे ना सुध मेरे तन मन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।



लाज मेरी मेरा गहना है,

श्याम सम्भालो ये कहना है,
धूल ‘मोहित’ तेरे चरणन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।



आज अगर नहीं आओगे,

मुझको जिन्दा ना पाओगे,
तुमको कसम मेरे बंधन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।



लाज रखो मेरे असुवन की,

आस लगी है, आस लगी है,
आस लगी है, तेरे दर्शन की,
लाज रखों मेरे असुवन की।।

Singer : Deepa Verma


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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