सब तेरी ही माया है,
सब ने ही माना है,
सब तेरी ही महिमा है,
सब ने ये माना है,
तू है मेरा मैं हूँ तेरी,
सारा जग भी दीवाना है,
सब तेरी ही महिमा हैं,
सब ने ही माना है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
मैं उदास हुई हूँ जब भी,
मैंने पास तुम्हे पाया,
रहता मेरे सर पे सदा,
मेरे श्याम का साया,
सुन लो अब मेरी भी,
तुमको ही सुनाना है,
तू है मेरा मैं हूँ तेरी,
सारा जग भी दीवाना है,
सब तेरी ही महिमा हैं,
सब ने ही माना है।।
दानी में बड़ा दानी है,
हारे का सहारा है,
जब आए कोई संकट,
मैंने तुमको पुकारा है,
खिल जाती है वो कलियां,
जिनको मुरझाना है,
तू है मेरा मैं हूँ तेरी,
सारा जग भी दीवाना है,
सब तेरी ही महिमा हैं,
सब ने ही माना है।।
तेरे साथ रहे ये ‘साक्षी’,
इतनी कृपा कर दो,
श्याम मेरी झोली तुम,
अपनी दया से भर दो,
‘राजू’ अब मुझको भी,
है शाम का गुण गाना,
तू है मेरा मैं हूँ तेरी,
सारा जग भी दीवाना है,
सब तेरी ही महिमा हैं,
सब ने ही माना है।।
सब तेरी ही माया है,
सब ने ही माना है,
सब तेरी ही महिमा है,
सब ने ये माना है,
तू है मेरा मैं हूँ तेरी,
सारा जग भी दीवाना है,
सब तेरी ही महिमा हैं,
सब ने ही माना है।।
स्वर – साक्षी।