जग पालनहारा,
नाथ कृपा घनश्याम की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
तर्ज – हम कथा सुनाते राम सकल।
धोरा धरती मरूधर भूमि,
आवे देवता इन धरती पे,
अवतार लियो है,
द्वारकाधीश भगवान जी,
आ जन्म भूमि है,
रामाराज कंवार की,
जग पांलनहारा,
नाथ कृपा घनश्याम की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
अजमलजी री भगती जागी,
सूती सुरता भजन मे लागी,
नाथ द्वारका आंगन आया,
भाव समझ भगतो घर आया,
आय पालनीये प्रभु मुसकाया,
बालक रूप हरी विष्णु पधारीया,
रामदेव प्रभु नाम कहाया,
भगत ऊबारन पृथ्वी पे आया,
छायो घोर अंधारो,
दुखी घणा नर मानवी,
जग पांलनहारा,
नाथ कृपा घनश्याम की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
कुंकुम पगल्या आप मंडाया,
दूध उपनतो पल मे डबाया,
कपड़े रो घोडो आकाशा,
उडा दियो सब अचरज लाया,
जय जय कार हुई जब पासा,
भगत उचारे नाम कृपाला,
कर किरपा प्रभु भाग जगाया,
धोरां धरती आप पधारीया,
पडे परचा भारी,
किरत गूंजे श्याम की,
पडे परचा भारी,
किरत गूंजे श्याम की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
बिन्जारो बालद ले आयो,
मिसरी रो बाबो लून बनायो,
साच झूठ रो भेद बतायो,
पाप कपट मत राखो भायो,
चार दिना री मिली मिनखाई,
सत रे मारग हालो भाई,
साची बाता जग समझायी,
लोभ लालच मत राखो भाई,
सत्य राह बताई,
बोली वाणी ग्यान की,
सत्य राह बताई,
बोली वाणी ग्यान की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
भैरव मार रूनीचो धरप्यो,
जन जन रे मन ने जो बरप्यो,
पीर कटोरा आप मंगाया,
पीरो रा सब आप कहाया,
चौपड़ रमता भुजा पसारी,
डूबत नैया पार लगाई,
ऊंच नीच रो भेद मिटायो,
सब है बराबर धर्म बतायो,
नहीं छोटो कोई,
सब संताना राम की,
नहीं छोटो कोई,
सब संताना राम री,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
पग पग परचा आप दिराया,
सुगना बाई रा कष्ट मिटाया,
डाली भगती किनी भारी,
नाथ हरी सु लिगना लागी,
ले ये समाधि आप सिदाया,
धाम रूनीचो नाम दिराया,
किरत थारी सब जग जानी,
आवे घणा दुनिया सु नर नारी,
माली सेवक थारो,
काटो बेड्या पाप की,
माली सेवक थारो,
काटो बेड्या पाप की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
जग पालनहारा,
नाथ कृपा घनश्याम की,
आ धरती है प्रभु,
भगत वत्सल भगवान की।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818
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