तकदीर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।
दोहा – मेरे बांके बिहारी जी,
श्री वृन्दावन में रहते है,
उसी को संतजन बड़े शौक से,
गौलोक कहते है,
वहां राधे श्री राधे,
संत हर वक्त गाते है,
जो गाते है श्री राधे,
उसी को श्याम पाते है,
कोई मंदिर बनाता है,
कोई मस्जिद में जाता है,
कोई जाता है चारो धाम,
कोई गंगा नहाता है,
जो दुनिया छोड़ कर सारी,
श्री राधा नाम गाता है,
श्याम का घर है वृन्दावन,
वो अपने घर बुलाता है।
तकदीर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से,
वृन्दावन आने से,
वृन्दावन आने से,
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।।
वृन्दावन में बांके बिहारी,
राधा वल्लभ की छवि प्यारी,
दर्शन पाने से,
हाँ दर्शन पाने से,
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।।
घर घर तुलसी ठाकुर सेवा,
माखन मिश्री दूध कलेवा,
भोग लगाने से,
हाँ भोग लगाने से,
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।।
वृन्दावन में जमुना मैया,
मधुर मधुर कदमन की छैया,
जमुना नहाने से,
हाँ जमुना नहाने से,
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।।
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से,
वृन्दावन आने से,
वृन्दावन आने से,
तकदींर बदल जाती है,
वृन्दावन आने से।।
Singer – Madhur Kishor Das ji