मेरी भक्ति तू मेरी शक्ति तू,
मैं कुछ भी नही,
प्रभु सब कुछ तू,
है मेरे प्रभु आदि जिनेश्वर,
है प्रभु मेरे आदिनाथ,
पूजा भक्ति हम करेंगे,
मन मे भक्ति भाव लिए।।
श्वेताम्बर हो या हो दिगम्बर,
हम जैनी बस जैन है,
हम तो है अनुयायी प्रभु श्री,
आदिनाथ महावीर के,
हम करेंगे खूब भक्ति,
और भजन मन जोड़ के,
पूजा भक्ति हम करेंगे,
मन मे भक्ति भाव लिए।।
हम में है भक्ति हम में ही शक्ति,
हमसे ही कल्याण है,
जैन हम और जैन तुम हो,
महावीर की संतान है,
हम बनेंगे एक शक्ति,
पंथ भेद को छोड़ के,
पूजा भक्ति हम करेंगे,
मन मे भक्ति भाव लिए।।
मेरी भक्ति तू मेरी शक्ति तू,
मैं कुछ भी नही,
प्रभु सब कुछ तू,
है मेरे प्रभु आदि जिनेश्वर,
है प्रभु मेरे आदिनाथ,
पूजा भक्ति हम करेंगे,
मन मे भक्ति भाव लिए।।
– गायक एवं प्रेषक –
दिनेश जैन एडवोकेट
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