थे तो साचा हो पितरोजी कुल रा देव भजन लिरिक्स

थे तो साचा हो,
पितरोजी कुल रा देव,
इन आंगनीया में प्रकटीया,
ओ पितरा आवोनी घोडलीये असवार,
बाटा तो जोवे टाबरीया।।



ओ पितरा छोटना दिरावु,

काची केलरा रे,
ओ थारा दूधा कोलावु,
रजरा पाव,
पितरोजी वेगा आवजो।।



पितरा जोत जगावा थारे देवरे,

ओ मेतो लुल लुल,
लागू थारे पाव,
पितरोजी रमता आवजो,
थे तो साचा हो,
पितरोजी कुल रा देव,
इन आंगन रमता आवजो।।



ओ पितरा नोपत नगाड़ा,

बाजे आंगने,
ओ पितरा जोवे रे,
बालकीया थारी बाट,
रमतोडा वेगा आवजो।।



ओ पितरा आज री उजवाली,

रेन आवजो,
ओ भगता ने दर्श दिखाय,
दर्श दिखाय,
पितरोजी रमता आवजो।।



ओ पितरा दहिया रे परिवार,

करे विनती,
ओ थारा भगतो ने,
शरनो मे राख,
पितरोजी रमता आवजो।।



थे तो साँचा हो,

पितरोजी कुल रा देव,
इन आंगनीया में प्रकटीया,
ओ पितरा आवोनी घोडलीये असवार,
बाटा तो जोवे टाबरीया।।

गायक – रमेश जी माली।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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