पिला दे सांवरिया,
अपने नाम की मस्ती,
तेरे हवाले करदी मैंने,
अपनी जीवन हस्ती,
पिला दे साँवरिया,
अपने नाम की मस्ती।।
मैं तेरे चरणों में आया,
मन में लेकर आशा,
जी भर मुझे पीला दे बाबा,
ना जाऊ मैं प्यासा,
दाम की मुझको फिकर नहीं,
दाम की मुझको फिकर नहीं,
महंगी हो या सस्ती,
पिला दे ओ बाबा,
अपने नाम की मस्ती।।
हमने सुन रखे है,
मैंखाने के ढंग निराले,
श्याम बहादुर आलू सिंह,
पी कर हो गए मतवाले,
मिला मुझे भी तू मय ऐसी,
मिला मुझे भी तू मय ऐसी,
पार लगे गई कश्ती,
पिला दे साँवरिया,
अपने नाम की मस्ती।।
ये ही है अरदास दास की,
तीन बाण के धारी,
ऐसी मुझे पिला ना उतरे,
पूरी उम्र खुमारी,
बिना पिया ना जाए ‘बावरा’,
मिट जाये चाहे हस्ती,
पिला दे साँवरिया,
अपने नाम की मस्ती।।
पिला दे सांवरिया,
अपने नाम की मस्ती,
तेरे हवाले करदी मैंने,
अपनी जीवन हस्ती,
पिला दे साँवरिया,
अपने नाम की मस्ती।।
स्वर – राजू बावरा जी।
प्रेषक – मनोज (राज) देहरादून।