खाता खोल के देख सांवरा,
चाकर बहुत पुराणो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
जदस्यु होश संभालयो मन्ने,
एक तेरो ही चाव रह्यो,
मैं बाबो को बाबो मेरो,
मान में ऐसो भाव रह्यो,
भलो बुरो जैसो हूँ पर,
तेरो श्याम दीवानो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
मेरो दूजो नही आसरो,
एक तेरो ही शरणों है,
सोच समझ कर मेरो फ़ैसलो,
श्याम तन्ने तो करणों है,
तेरे नाम ज़िंदगानी लिखदी,
माँग रह्यो हर्ज़ानो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
तू मेरी रग रग की जाने,
मेरो तो हमराज है तू,
दुखिया दिल का साँच तू ही है,
दर्द भारी आवाज़ है तू,
कोई दूजो बाँच सके ना,
मैं ऐसो अफ़सानो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
मेरे जीवन की किताब का,
सगला पन्ना नाम तेरे,
‘बिन्नु’ के संतोष है मन्ने,
कुछ तो आऊं काम तेरे,
तू मेरी आशा को दीपक,
मैं तेरो परवानो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
खाता खोल के देख सांवरा,
चाकर बहुत पुराणो हूँ,
लगन लगा कर करूँ नौकरी,
तन्ने सबकुछ मान्यो हूँ,
खाता खोल के देख साँवरा।।
स्वर – दीपक जी गोयल।