सबसे प्यारा सबसे न्यारा,
श्याम तेरा दरबार,
कभी तेरा द्वार ना छूटे,
कभी मेरा श्याम ना रूठे।।
तर्ज – गोरी नंदन थारो अभिनंदन।
मेरे जीवन की डोरी,
तेरे हवाले,
अब तु ही जाने इसको,
कैसे सम्भाले,
इस डोरी को थाम के रखना,
सामने है मझधार,
कभी तेरा द्वार ना छूटे,
कभी मेरा श्याम ना रूठे।।
तेरी दया से कान्हा,
दर तेरे आऊँ,
चरणों में बैठ के तुझको,
भजन सुनाऊँ,
मैं गाता हूँ तु सुनता है,
ये है तेरा प्यार,
कभी तेरा द्वार ना छूटे,
कभी मेरा श्याम ना रूठे।।
‘केशव’ को अपना सेवक,
कान्हा बनालो,
चरणों की सेवा में तेरी,
हमको लगालो,
जनमो जनम तक,
दास तुम्हारा,
रहे मेरा परिवार,
कभी तेरा द्वार ना छूटे,
कभी मेरा श्याम ना रूठे।।
सबसे प्यारा सबसे न्यारा,
श्याम तेरा दरबार,
कभी तेरा द्वार ना छूटे,
कभी मेरा श्याम ना रूठे।।
– भजन लेखक व गायक –
मनीष शर्मा “मोनु”
जोरहाट (आसाम)
9854429898