सांवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी,
सांवरी बनूँगी मैं तो, सांवरी बनूँगी,
सांवरी बनूँगी मैं तो, सांवरी बनूँगी,
नट नागर की मैं तो नागरी बनूँगी,
साँवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी।।
सागर पिया की मैं तो गागरी बनूँगी,
सागर पिया की मैं तो गागरी बनूँगी,
चाँद से पिया की मैं तो चांदनी बनूँगी,
चाँद से पिया की मैं तो चांदनी बनूँगी,
साँवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी।।
रावरे पिया की मैं तो रावरी बनूँगी,
रावरे पिया की मैं तो रावरी बनूँगी,
राग से पिया की मैं तो रागनी बनूँगी,
राग से पिया की मैं तो रागनी बनूँगी,
साँवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी।।
भाव में विभोर मैं तो भावरी बनूँगी,
भाव में विभोर मैं तो भावरी बनूँगी,
पिहा पपीहा मैं तो स्वातिनी बनूँगी,
पिहा पपीहा मैं तो स्वातिनी बनूँगी,
साँवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी।।
सांवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी,
सांवरी बनूँगी मैं तो, सांवरी बनूँगी,
सांवरी बनूँगी मैं तो, सांवरी बनूँगी,
नट नागर की मैं तो नागरी बनूँगी,
साँवरे सलोने की मैं सांवरी बनूँगी।।
स्वर – श्री चित्र विचित्र जी महाराज।