मैं तो पुरबियों पुरब देस रो मारी हेली भजन लिरिक्स

मैं तो पुरबियों पुरब देस रो मारी हेली,
बोली लखेना कोई,
मारी बोली लखेना कोई,
जो मारी बोली लखे मारी हेली,
भाग पुरबला होय।।



मारी मण्डली में सादु ना,

मिल्यो मारी हेली,
कुण सगं करु मैं सनेह,
कुण सगं करु मैं सनेह,
में तो पुरबियो पुरब देस रो मारी हेली,
बोली लखेना कोई।।



सादु हुवा तो क्या हुआ मारी हेली,

चवदस पेली कोनी वास,
चवदस पेली नही वास,
हिरदा मे बीज कपट का,
भरीया मारी हेली,
कीण वीद उगणेली आस,
में तो पुरबियो पुरब देस रो मारी हेली,
बोली लखेना कोई।।



के तो तील कोरा भला,

मारी हेली,
नही तो तेल कडाय,
नही तो तेल कडाय,
अदबीच रे तुलडे बुरी मारी,
दोई बातासु जाय,
दोई बाता सु जाय,
में तो पुरबियो पुरब देस रो मारी हेली,
बोली लखेना कोई।।



कडवा पाना री कडवी बेलडी,

फल बी तो कडवा होय,
फलबीतो कडवा होय,
जारी कडवाट जद मटे मारी हेली,
तेलपीजाणा होय,
में तो पुरबियो पुरब देस रो मारी हेली,
बोली लखेना कोई।।



मैं तो पुरबियों पुरब देस रो मारी हेली,

बोली लखेना कोई,
मारी बोली लखेना कोई,
जो मारी बोली लखे मारी हेली,
भाग पुरबला होय।।

प्रेषक – प्रवीण लखारा।
8107561269


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

1 COMMENT

  1. दव लागी बेली जली म्हारी हेली
    होयो करमा रो नाश।
    कहे कबीर सा धर्मिदास ने म्हारी हेली
    नही रे उगण री आस।।

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