दर ब दर ठोकरे खा तेरे दर जो आते है भजन लिरिक्स

दर ब दर ठोकरे खा तेरे,
दर जो आते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है,
तेरे दर पे बुझे चिराग,
जगमगाते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है।।

तर्ज – तेरी उम्मीद तेरा इंतजार।



दाने दाने को जो तरसते थे,

अब वो महिमा तेरी सुनाते है,
कैसे बदले है पल में दिन उनके,
किस्सा सबको वो अब बताते है,
किस्सा सबको वो अब बताते है,
श्याम चरणों में अपनी,
मैं को जो मिटाते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है।।



श्याम किरपा अगर हो जीवन में,

सुखी रोटी में स्वाद आता है,
जो नजर फेर ले मेरा बाबा,
भरे दिन में अँधेरा छाता है,
भरे दिन में अँधेरा छाता है,
एक ही आसरा जो,
श्याम को बनाते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है।।



क्यों तू मन को निराश करता है,

दुनिया की अदालतों से डरता है,
राजे महाराजे ‘ललित’ मानित है,
तू क्यों ना भरोसा इनपे करता है,
तू क्यों ना भरोसा इनपे करता है,
आखरी फैसला तो,
बाबा ही सुनाते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है।।



दर ब दर ठोकरे खा तेरे,

दर जो आते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है,
तेरे दर पे बुझे चिराग,
जगमगाते है,
सर पे खुशियों का बाँध सेहरा,
घर को जाते है।।

गायक – ललित सूरी जी।


Previous articleबड़ी देर भई कब आओगे मेरे हनुमान भजन लिरिक्स
Next articleतुम आए हो कलयुग में संसार के लिए भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here