पवन कुमार ह्रदय में आओ भजन लिरिक्स

पवन कुमार ह्रदय में आओ,
जैसे पाप की लंका जलाई,
जैसे पाप की लंका जलाई,
अब वैसे ही मेरे मोह जलाओ,
पवन कुमार ह्रदय में आओं।।



हितकारी सुग्रीव के तुम थे,

तुमने उनको राज्य दिलाया,
सीता जी का पता लगा के,
श्री राम के मन को सुख पहुंचाया,
जैसे राम जी का शोक मिटाया,
अब वैसे ही मेरे शोक मिटाओ,
पवन कुमार ह्रदय में आओं।।



शक्ति लगी थी जब लक्ष्मण को,

तुमने उनका प्राण बचाया,
भक्त विभीषण को जाकर,
सीतापति से तुमने मिलाया,
जैसे राम जी से उन्हें मिलाया,
अब वैसे ही रामजी से हमें मिलाओ,
पवन कुमार ह्रदय में आओं।।



महाबली थे फिर भी तुमको,

तनिक ना व्यापी जग की माया,
राम दूत बनकर के तुमने,
श्री राम भक्ति का दीप जलाया,
जैसे राम जी ने तुम्हे बनाया,
अब वैसे ही मुझको दास बनाओ,
पवन कुमार ह्रदय में आओं।।



पवन कुमार ह्रदय में आओ,

जैसे पाप की लंका जलाई,
जैसे पाप की लंका जलाई,
अब वैसे ही मेरे मोह जलाओ,
पवन कुमार ह्रदय में आओं।।

गायक – श्री व्यास जी मौर्या।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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