इतनी मेरी विनती तुमसे,
पूरी करना श्याम कसम से,
और नहीं कुछ चाहूं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं,,
जब तक तन में सांस हमारे,
आके यूं ही द्वार तुम्हारे,
चरणों में शीश झुकाऊं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं।।
तर्ज – तेरा साथ है कितना प्यारा।
मैंने अपने कर्मों का,
पूरा फल पाया,
पूरा फल पाया,
खाटू की धरती मिली,
और तेरा साया,
और तेरा साया,
जीना मरना, शाम यहीं अब,
जीना मरना, शाम यहीं अब,
और कहीं ना जाऊं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं,
इतनी मेंरी विनती तुमसे।।
पत्थर का एक टुकड़ा था,
पारस मुझे किया,
पारस मुझे किया,
जब से जीवन सांवरे,
तेरी शरण किया,
तेरी शरण किया,
तेरा करम जो, मुझ पे हुआ है,
तेरा करम जो, मुझ पे हुआ है,
कैसे उसे भुलाऊं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं,
इतनी मेंरी विनती तुमसे।।
मेरी क्या औकात है,
सब तेरा एहसान,
सब तेरा एहसान,
तुमने अपने प्रेमी का
हर पल रखा ध्यान,
हर पल रखा ध्यान,
‘योगी’ कहता, पल पल बाबा,
‘योगी’ कहता, पल पल बाबा,
तेरा शुक्र मनाऊं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं,
इतनी मेंरी विनती तुमसे।।
इतनी मेरी विनती तुमसे,
पूरी करना श्याम कसम से,
और नहीं कुछ चाहूं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं,,
जब तक तन में सांस हमारे,
आके यूं ही द्वार तुम्हारे,
चरणों में शीश झुकाऊं,
बस जनम अगला बाबा,
तेरे खाटू में पाऊं।।
Singer – Yogi Raj Shandilya