आप संग हो मेरे और क्या चाहिए भजन लिरिक्स

आप संग हो मेरे और क्या चाहिए,
आप से ही तो मुझको सहारा मिला,
हो ना हो कोई मुझको ये परवाह नही,
हाथ सिर पे जो मेरे तुम्हारा मिला,
आप संग हो मेरे औंर क्या चाहिए।।

तर्ज – आज कल याद कुछ।



अपने चरणों में मुझको बिठा लीजिए,

सेवा मुझसे भी थोड़ी करा लीजिए,
मैं जो हूँ मौज में तेरी कृपा प्रभु,
तेरे दर से ही मुझको गुज़ारा मिला,
आप संग हो मेरे औंर क्या चाहिए,
आप से ही तो मुझको सहारा मिला।।



नाम तेरे सिवा और लेता नही,

साथ मेरा कोई भी तो देता नही,
हार में जीत में तू ही रहता सदा,
मेरी नैया को भव से किनारा मिला
आप संग हो मेरे औंर क्या चाहिए,
आप से ही तो मुझको सहारा मिला।।



हाल यूँ देख कर भी ना तरसाइए,

तुमको मेरी कसम है चले आइए,
दिल ‘सचिन’ का कही और लगता नही,
जब मुझे रूप का ये नज़ारा मिला,
आप संग हो मेरे औंर क्या चाहिए,
आप से ही तो मुझको सहारा मिला।।



आप संग हो मेरे और क्या चाहिए,

आप से ही तो मुझको सहारा मिला,
हो ना हो कोई मुझको ये परवाह नही,
हाथ सिर पे जो मेरे तुम्हारा मिला,
आप संग हो मेरे औंर क्या चाहिए।।

स्वर – अंजना आर्या।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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