मैया अंजनी को लालो,
श्लोक – पवन तनय संकट हरण,
मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुरभूप।
मैया अंजनी को लालो,
बड़ो प्यारो लागे,
बड़ो प्यारो लागे,
ये तो देव म्हने सबसे ही,
न्यारो लागे।।
केसरी नंदन जगवंदन,
भक्तो के हितकारी,
भगत जनो की भव में नैया,
पल में पार उतारी,
ये तो कलयुग में सांचो,
ही सहारो लागे,
हाँ सहारो लागे,
ये तो देव म्हने सबसे ही,
न्यारो लागे।।
राम नाम से बढ़के इनको,
और ना कोई प्यारा,
राम नाम जपने वालो का,
साँचा ये सहारा,
ये तो राम जी का म्हाने,
भगत दुलारो लागे,
हाँ दुलारो लागे,
ये तो देव म्हने सबसे ही,
न्यारो लागे।।
राम जी का बजरंग बाला,
सगरा काज बनाया,
राम जी ने बजरंगी को,
सीने से लगाया,
तू तो भरत के जैसा,
भाई प्यारो लागे,
भाई प्यारो लागे,
ये तो देव म्हने सबसे ही,
न्यारो लागे।।
मैया अंजनी को लालो,
बड़ो प्यारो लागे,
बड़ो प्यारो लागे,
ये तो देव म्हने सबसे ही,
न्यारो लागे।।
स्वर – राकेश काला।