जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।
काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
ठाट सारे पड़े के पड़े रेह गये,
सारे धनवा गढ़े के गढ़े रेह गये,
अन्त मे लखपति को ना ढेला मिला,
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
बेबसो को सताने से क्या फायदा,
झूठ अपजस कमाने से क्या फायदा,
दिल किसी का दुखाने से क्या फायदा,
नीम के सथ जेसे करेला जुड़ा,
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
राज राजे रहे, ना वो रानी रही,
ना बुढ़ापा रहा, ना जवानी रही,
ये तो कहने को केवल कहानी रही,
चार दिन का जगत मे झमेला रहा,
हन्स जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
जिंदगी में हजारों का मेला जुड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।
काल से बच ना पाएगा छोटा बड़ा,
हंस जब जब उड़ा तब अकेला उड़ा।।
Very good song
Osm bhajan