बता मेरे शंकर भोले हो,
या दुनिया कैसी बनाई।।
तर्ज – बता मेरे यार सुदामा रे।
आपस के में प्यार रहा ना,
बेसरमी में रही दया ना,
ये हो गये दिल काले हो,
या दुनिया कैसी रचाई,
बता मेरे शंकर भोले हों,
या दुनिया कैसी बनाई।।
माँ बाप के होय बटवारे,
झूठे हो गए रिश्ते सारे,
प्यारे साली साले हो,
रिश्तों की कदर घटाई,
बता मेरे शंकर भोले हों,
या दुनिया कैसी बनाई।।
इज्जत रुल गई बेटी बहन की,
मुश्किल हो गई घर ते जाण की,
दरिन्दे होय रुखाले हो,
ना करता कोई सुनाई,
बता मेरे शंकर भोले हों,
या दुनिया कैसी बनाई।।
‘अनिल धनोरी’ कहन पुगा दे,
धरती माँ के पाप मिटा दे,
‘आशु धाकल’ आले ने,
भोले की महिमा गाई,
बता मेरे शंकर भोले हों,
या दुनिया कैसी बनाई।।
बता मेरे शंकर भोले हो,
या दुनिया कैसी बनाई।।