चढ़ते सूरज को दुनिया में,
सब करते है यहाँ प्रणाम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम।।
सुख के साथी मिलते जग में,
दुःख में नजर नहीं आते है,
सदा बनो हारे के सहारे,
श्याम यही समझाते है,
जो भी जैसा करम है करता,
वैसा मिलता है परिणाम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम।।
जो भी ऊँचे आसान बैठे,
पैर जमी पर रखते है,
उड़ते बादल नील गगन से,
बरखा बन कर गिरते है,
अपने सर को नीचे रखते,
तरुवर पर जब फलते आम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम।।
नित्य नियम से अपने समय पर,
सूरज भी तो ढलता है,
ज्यूँ ज्यूँ होता अँधियारा,
तारा गगन में चमकता है,
श्यामकृपा सदा बनी रहे,
‘गोपाल’ मांगे ये वरदान,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम।।
चढ़ते सूरज को दुनिया में,
सब करते है यहाँ प्रणाम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम,
डूबने वाले को जो थामे,
वो है खाटू वाला श्याम।।
Singer – Abhijeet Kohar