बेटी तो बेटी है इसका ना है कोई जोड़ भजन लिरिक्स

बेटी तो बेटी है इसका,
ना है कोई जोड़,
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।

तर्ज – स्वर्ग से सुन्दर सपनों से।



नाज़ो से पाली लाडो,

बाबुल की प्यारी,
इससे महके घर,
आँगन की फुलवारी,
बेटे के आगे माँ की ममता,
को भी लो जरा तोल
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।



अपना घर होते हुए भी,

कहलाती पराई,
ससुराल में भी किसी की,
आँख को ना भायी,
खुद को समर्पण करके भी,
सुनने को मिलते ना मीठे बोल,
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।



घर को चिराग देके,

वंश को बढ़ाती,
लालच की अग्नि में,
फिर भी झोंकी जाती,
अब तो थोड़ी शर्म करो,
ना घर इज़्ज़त रोल,
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।



‘रूबी रिधम’ सबको,

यही समझाते,
आओ मिलके बेटी का,
मान बढ़ाते,
सारी दौलत लूटा के इसका,
लगा सकोगे ना मोल,
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।



बेटी तो बेटी है इसका,

ना है कोई जोड़,
दो दो कुल की लाज रखती,
है बड़ी अनमोल,
बेटी को प्यार दो तुम,
थोड़ा सम्मान दो तुम।।

स्वर – कांची भार्गव।
लेखिका – रूबी रिधम।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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