खाटू वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ,
ये हाथ कभी ना छूटे,
ये साथ कभी ना छूटे,
दिन हो या रात,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
तर्ज – किस्मत वालों को मिलता है।
मेरे दोनों हाथ तेरे आगे,
क्या है कमी इनमे तू बतला दे,
क्या वो लकीर नहीं है,
क्या वो तकदीर नहीं है,
या हो नाराज,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
इन हाथो को तेरी है दरकार,
मेरे पीछे पूरा है परिवार,
नैया मजधार फसी है,
तेरे होठो पे हसी है,
खुश क्यों हो आज,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
जिसे दिया उसे खूब दिया दातार,
मुझसे क्या इंसाफ किया सरकार,
क्या उनके हाथ है ज्यादा,
या फिर औकात है ज्यादा,
बतलाओ बात,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
क्यों बाबा मुख मुझसे मोड़ लिया,
या तकदीर बदलना छोड़ दिया,
कहता ‘पवन’ ना छूटे,
ये भरोसा ना टूटे,
रख लेना बात,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
खाटू वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ,
ये हाथ कभी ना छूटे,
ये साथ कभी ना छूटे,
दिन हो या रात,
खाटु वाले श्याम,
कस के पकड़ियो मेरा हाथ।।
स्वर – राजू मेहरा जी।