रोका अश्को को मैंने बड़ा सांवरे,
ये निकल ही गए देखते देखते।
तर्ज – देखते देखते।
श्लोक – हाथ जोड़ विनती करूँ,
सुणियों चित्त लगाए,
दास आ गया शरण में,
राखो म्हारी लाज।
लाल देह लाली लसे,
अरु धर लाल लंगूर,
वज्र देह दानव दलन,
जय जय जय कपि सुर।
नीलो ठाड़ो नवलखो,
मोत्या जड़ी लगाम,
खाटू के म्हारा श्याम ने,
मैं झुक झुक करा प्रणाम।
दिल के जज्बात काबू में थे सांवरे,
वो मचल ही गए देखते देखते,
रोका अश्को को मैंने बड़ा सांवरे,
ये निकल ही गए देखते देखते,
वो क्या जीना था हम तो मरे ही से थे,
तुम मिले जी गए देखते देखते।।
तू ही सचमुच हमें पालने वाला है,
दिन दुखियों का तू ही तो रखवाला है,
किस तरह शुक्रिया मैं करूँ रे तेरा,
चमका चमका ये भाग्य सितारा मेरा,
फूटी आँखों जिन्हे हम सुहाते ना थे,
फूटी आँखों जिन्हे हम सुहाते ना थे,
दोस्त वो बन गए देखते देखते,
रोका अश्कों को मैंने बड़ा सांवरे,
ये निकल ही गए देखते देखते,
वो क्या जीना था हम तो मरे ही से थे,
तुम मिले जी गए देखते देखते।।
मैं तो जन्मो जनम बस तुम्हारा रहूं,
तेरे चरणों की मैं चाकरी ही करूँ,
‘लहरी’ तेरे भजन में ही रहता मगन,
लाखो लाखो नमन तुझको लाखो नमन,
मुझको संगीत स भी आता ना था,
मुझको संगीत स भी आता ना था,
साधना बन गई देखते देखते,
पूछने वाला मुझको तो कोई ना था,
पूछने वाला मुझको तो कोई ना था,
प्रार्थना बन गई देखते देखते,
रोका अश्कों को मैंने बड़ा सांवरे,
ये निकल ही गए देखते देखते,
वो क्या जीना था हम तो मरे ही से थे,
तुम मिले जी गए देखते देखते।।
दिल के जज्बात काबू में थे सांवरे,
वो मचल ही गए देखते देखते,
रोका अश्को को मैंने बड़ा सांवरे,
ये निकल ही गए देखते देखते,
वो क्या जीना था हम तो मरे ही से थे,
तुम मिले जी गए देखते देखते।।
स्वर – उमा लहरी जी।