हमें प्रभु से मिलाने को जगत में संत आते है भजन लिरिक्स

हमें प्रभु से मिलाने को,
जगत में संत आते है,
प्रेम का प्याला पिलाने को,
जगत में संत आते है,
हमें प्रभू से मिलाने को,
जगत में संत आते है।।

तर्ज – जगत के रंग क्या देखूं।



संत वाणी ही अमृत है,

यही गीता भागवत है,
यही गीता भागवत है,
हमें सदमार्ग दिखाने को,
जगत में संत आते है,
हमें प्रभू से मिलाने को,
जगत में संत आते है।।



जगत का आधार है ये संत,

हरी का श्रृंगार है ये संत,
हरी का श्रृंगार है ये संत,
सदा हरिनाम जपाने को,
जगत में संत आते है,
हमें प्रभू से मिलाने को,
जगत में संत आते है।।



कहे पागल के ‘चित्र विचित्र’,

संत भक्ति करे जीवन पवित्र,
संत भक्ति करे जीवन पवित्र,
ये जीवन सार्थक बनाने को,
जगत में संत आते है,
हमें प्रभू से मिलाने को,
जगत में संत आते है।।



हमें प्रभु से मिलाने को,

जगत में संत आते है,
प्रेम का प्याला पिलाने को,
जगत में संत आते है,
हमें प्रभू से मिलाने को,
जगत में संत आते है।।

स्वर – श्री चित्र विचित्र महाराज जी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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