राम जी मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
मात पिता री सेवा करलो,
तीर्थ गंगा मात रो,
अटे दियोड़ो आगे मिलेगा,
लेणो हाथों हाथ रो,
राम जी मिल जावे नेचो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
नुगरा नर रो संग नहीं करणो,
तिरिया चंचल जात रो,
मार्ग तो मुगती रो संतो,
सत्पुरुषों रे साथ रो,
राम जी मिल जावे नेचो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
सतगुरुषा तो सांची केवे,
मानो उनकी बात को,
नर नारी दोनों ही सुनलो,
कारण नहीं है जात रो,
राम जी मिल जावे नेचो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
सतगुरुषा रो शरणो लेलो,
टालो जम की लात को,
गोविंद़ो संन्यासी बोले,
चेलों निर्मल नाथ रो,
राम जी मिल जावे नेचो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
राम जी मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो,
सांवरियो मिल जावे नेछो,
राखो सांची बात रो।।
– गायक एवं प्रेषक –
सुनील विश्नोई देचू
9587303598
बहुत ही अच्छा लगा ये भजन