राम नाम को ओढ़ दुसालो,
राम प्रभु ने ध्यावे जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
तर्ज – थाली भरकर लाई रे खीचड़ो।
राम प्रभु की महिमा गावे,
राम हृदय में बसावे है,
सारी दुनिया दर्शन कर ले,
सिनो फाड़ दिखावे है,
राम नाम बिन मोती माला,
राम नाम बिन मोती माला,
तोड़ तोड़ बिखरावे जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
सिया राम का कारज सार्या,
सगला कष्ट मिटाया जी,
अहिरावण को काल बण्यो और,
राम लखन ने बचाया जी,
काँधे ऊपर राम लखन ने,
काँधे ऊपर राम लखन ने,
बाबो लाय बिठायो जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
कपटी रावण सीता हर ली,
माता की सुध ल्यायो जी,
शक्ति बाण लग्यो लक्ष्मण के,
कपि करिश्मो दिखायो जी,
लक्ष्मण जी का प्राण बचा,
लक्ष्मण जी का प्राण बचा,
संकट मोचन कहलायो जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
सोने की लंका ने फूंकी,
दानव वंश मिटाया जी,
राम लखन सीता के सागे,
कपि अयोध्या आया जी,
मात कौशल्या करे आरती,
मात कौशल्या करे आरती,
हर्ष कपि मुस्काया जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
राम नाम को ओढ़ दुसालो,
राम प्रभु ने ध्यावे जी,
पग में घुंघरू बाँध बालाजी,
छम छम नाच दिखावे जी,
छम छम नाच दिखावे जी,
राम नाम को ओढ़ दुसालो।।
स्वर – मनीष तिवारी जी।