श्याम तेरे दर्शन को तरसे हाथों में फूलों की माला भजन लिरिक्स

श्याम तेरे दर्शन को तरसे,
हाथों में फूलों की माला,
दर्शन की अभिलाषा,
दर्शन की अभिलाषा।।

तर्ज – मेरे नैना सावन भादो।



मैं राणा की रानी,

गिरधर दीवानी,
चलते चलते पैर मेरे दुखे,
पांवो में पड़ गया छाला,
दर्शन की अभिलाषा,
अब तो टेर सुनो तुम गिरधर,
क्यों दुविधा में डाला,
दर्शन की अभिलाषा,
दर्शन की अभिलाषा।।



दुशासन बलधारी,

मैं अबला नारी,
खेंचत चिर सभा में मेरो,
टेर सुनो गिरधारी,
विपत्ति पड़ी है भारी,
अब तो टेर सुनो तुम गिरधर,
क्यों दुविधा में डाला,
दर्शन की अभिलाषा,
दर्शन की अभिलाषा।।



ओ खाटू वाले श्याम,

तू लीले चढ़ आजा,
छाछ राबड़ी घरे विराजे,
आके भोग लगा जा,
दर्शन की अभिलाषा,
अब तो टेर सुनो तुम गिरधर,
क्यों दुविधा में डाला,
दर्शन की अभिलाषा,
दर्शन की अभिलाषा।।



श्याम तेरे दर्शन को तरसे,

हाथों में फूलों की माला,
दर्शन की अभिलाषा,
दर्शन की अभिलाषा।।

स्वर – राजकुमार जी स्वामी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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