मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे,
साँस चाहे टूटे बाबा दर ये ना छूटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
तर्ज – मैं तेरी तू मेरा दुनिया से क्या।
माँग ना करूँगी कभी तुमसे पगार की,
माँग ना करूँगी कभी तुमसे पगार की,
बस तू संभाले रखना डोर परिवार की,
चारो पहर मैं तेरी हाज़री बजाऊंगा,
सुनके जिसे तू खुश हो भजन वो सुनाऊंगा,
सुख में रहूँ दुःख में रहूँ,
बस प्रभु ये दर तेरा मरकर भी ना छुटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
शहंशाह है तू बाबा ये दुनिया प्रजा है,
शहंशाह है तू बाबा ये दुनिया प्रजा है,
राज़ी है जिसमे प्रभु तेरी रज़ा है,
जैसा कहोगे वैसा करते जाएँगे,
फ़ैसलों को तेरे कभी नही ठुकराएँगे,
इतनी सी मैं अर्ज़ी करूँ,
बस प्रभु ये दर तेरा मरकर भी ना छुटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
घबराएगा ये मन तो चरणों को छू लूँगी,
घबराएगा ये मन तो चरणों को छू लूँगी,
तुझको कभी भी मेरे सांवरे ना भूलूंगी,
कैसे भूल जाऊं तूने प्यार जो लूटाया है,
फर्श से उठा कर मुझको अर्श पे बिठाया है,
सेवा तेरी मिलती रहे,
बस प्रभु ये दर तेरा मरकर भी ना छुटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
दुख मैं ना भूलूँ तुझे सुख में तू याद हो,
दुख मैं ना भूलूँ तुझे सुख में तू याद हो,
हर एक रिश्ता मेरा श्याम तेरे बाद हो,
यूँ तो तुम्हारे बाबा सेवक अनेक है,
बनना मुझे भी माधव उनमे से एक है,
भूलूं नही तुझको कभी,
बस प्रभु ये दर तेरा मरकर भी ना छुटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे,
साँस चाहे टूटे बाबा दर ये ना छूटे,
मेरे बाबा तेरी सेवा मरकर भी ना छूटे।।
स्वर – कुमार दीपक & करिश्मा चावला।