बाबा आवे थारी याद खाटू से आने के बाद भजन लिरिक्स

बाबा आवे थारी याद,
खाटू से आने के बाद,
म्हारो मनड़ो ना लागे जी,
बाबा जी म्हारो मनड़ो ना लागे जी।।



खाटू नगरी को सांवरियाँ,

ऐसो रंग चढ़ो है,
पहले से भी ज्यादा,
थारो म्हारो प्रेम बढ़ो है,
ग्यारस की वा प्यारी रात,
आवे बार बार म्हने याद,
म्हारो मनड़ो ना लागे जी,
बाबा जी म्हारो मनड़ो ना लागे जी।।



थारी चौखट पे सांवरिया,

सारी रात बिताई,
ऐसी मस्ती मिली कदे ना,
जो खाटू में आई,
मैं तो देख्या सो सो बार,
मोरछड़ी को चमत्कार,
म्हारो मनड़ो ना लागे जी,
बाबा जी म्हारो मनड़ो ना लागे जी।।



‘श्याम’ की इच्छा एक है बाबा,

रोज ही मेलों लागे,
बनके मोर यूँ छम छम नाचू,
बाबा तेरे आगे,
म्हारी छोटी सी अरदास,
प्रभु रख ले थारे पास,
म्हारो मनड़ो ना लागे जी,
बाबा जी म्हारो मनड़ो ना लागे जी।।



बाबा आवे थारी याद,

खाटू से आने के बाद,
म्हारो मनड़ो ना लागे जी,
बाबा जी म्हारो मनड़ो ना लागे जी।।

स्वर – नवीन सेठी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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