इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी,
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरे श्याम,
तेरे चरणों में ही गुज़रे,
मेरी उमरीया सारी,
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी।।
तर्ज – आये हो मेरी ज़िन्दगी में।
तुम साथ बाबा मेरे,
फिर कैसा मुझको डर है,
हर हार का ठिकाना,
बाबा तुम्हारा दर है,
यूँ ही साथ चलते रहना,
मेरे सांवरे बिहारी,
तेरे चरणों में ही गुज़रे,
मेरी उमरीया सारी,
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी।।
तेरी सेवा में रहूँगा,
सुख चैन से जियूंगा,
गर दूर जो किया तो,
फिर मैं ना जी सकूँगा,
मेरी ज़िंगड़ी के मालिक,
रहे किरपा बस तुम्हारी
तेरे चरणों में ही गुज़रे,
मेरी उमरीया सारी,
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी।।
‘रूबी रीधम’ को इतना,
दिया खुशियों का ख़ज़ाना,
ना याद आता हमको,
मतलब का वो ज़माना,
तेरे भजनो बिन अधूरी,
है ज़िंदगी हमारी,
तेरे चरणों में ही गुज़रे,
मेरी उमरीया सारी,
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी।।
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी,
तेरे चरणों में ही गुज़रे मेरे श्याम,
तेरे चरणों में ही गुज़रे,
मेरी उमरीया सारी,
इतनी सी अर्ज़ मेरी सुनलो मेरे मुरारी।।
Singer – Kanchi Bhargava
Lyricist – Ruby Garg