अब तो आजा करके बाबा,
लीले सवारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
तर्ज – कुण जाणै आ माया श्याम री।
चिड़कली भी चूंच मारै,
जंईंया बाज है मारै रे,
मूसकड़ा भी चिखण लाग्या,
जंईंया बाघ दहाड़े रे,
मेरी लाज थां रै हाथां है-२,
थां री जिम्मेदारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
आंख्यां स्यूं बस नीर ब्हवै छै,
हिवड़ो कल-कल रोवै रे,
देख दशा या म्हारी बाबा,
बोल तू कंईंया सोवै रे,
तनै तरस ना आवै म्हारी-२,
देख लाचारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
आंधी चालै तूफां चालै,
नैया डिगमिग डोलै रे,
मौन रव्है सुण चीख आ म्हारी,
क्यों बाबा ना बोलै रे,
बण कै माझी पार लगा द्यो-२,
दरियो भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
तेरी मोर छड़ी रो जादू,
अब तो श्याम दिखा दे रे,
बिपदा म्हां री मेटण खातर,
बाण ही एक चला दे रे,
दुनिया भी देखै “निर्मल” री-२,
श्याम स्यूं यारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
अब तो आजा करके बाबा,
लीले सवारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे,
तेरै होतां कंईंया बिपदा,
पड़ ग्यी भारी रे।।
स्वर – संजय मित्तल जी।
भजन रचयिता – श्रीश्याम कृपा पात्र निर्मल जी।
प्रेषक – विवेक अग्रवाल जी।
९०३८२८८८१५