श्याम जिमावै जाटनी घुंघट की ओट में हरियाणवी लिरिक्स

नरम नरम लायी,
घाल गरम कान्हा माखन रोट म,
श्याम जिमावै जाटनी,
घुंघट की ओट म।।



सांवरिया करः मौज तन मन,

तेरा जादू करज्या स,
घणां करू दीदार सांवरे,
पागलपण बढ़ज्या स,
दिल होज्या स घायल मेरा,
नजरां की चोट म,
श्याम जिमावे जाटनी,
घुंघट की ओट म।।



डर लागै सांवरे मने,

कदे मीरा ना हो जाऊं,
भुल चौधरी बालका नै,
तेरे म खो जाऊं,
मोहनी मोहनी सूरत तेरी,
कर दे खोट म,
श्याम जिमावे जाटनी,
घुंघट की ओट म।।



इस ढाला का रिश्ता राखू,

ना कच्चा ना पक्का हो,
निभजा आखिरी सांस तलक,
ना रोला ना रूक्का हो,
सागर धरः ध्यान बाबा,
रहिये सपोर्ट म,
श्याम जिमावे जाटनी,
घुंघट की ओट म।।



नरम नरम लायी,

घाल गरम कान्हा माखन रोट म,
श्याम जिमावै जाटनी,
घुंघट की ओट म।।

गायक – नरेंद्र कौशिक।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान
9992976579


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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