भव सागर सू पार उतारो तीन लोक रा नाथ आसरो थारो है

भव सागर सू पार उतारो,
तीन लोक रा नाथ,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।



आदि देव भोला थाने मनावा,

कैलाश मै धाम आपरो,
मोटो जग मे नाम,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।



आप त्रिलोकी वाला नाथ कहावो,

सिवरे सब संसार आपने,
पूजे नर और नार,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।


भांग धतूरा थारे भोग चढावा,
दर्शन दो इक बार,
आपने वंदन बारंबार,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।



दास अशोक भोला अरजी सूनावे,

सारो सबरा काज जगत में,
म्हारी राखो लाज,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।



भव सागर सू पार उतारो,

तीन लोक रा नाथ,
आसरो थारो है,
भरोसो थारो है।।

गायक -प्रवीण व्यास लकडवास।
फ़ोन – 8890970310


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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