ओ लाड़ली ओ लाड़ली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
तर्ज – ओ साहिबा।
छोड़ के सब कुछ मैं,
बरसाने आया,
चरणों में दे दो जगह,
मैं कब घबराया,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
मुझे सब खुशियाँ मिली,
तुझसा साथी मिला,
एहसान तेरा श्यामा,
नहीं कोई शिकवा गिला,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
तेरे सिवा अब तो,
कुछ भी नहीं भाता,
हर पल मैं सोचूँ,
तुमसे है क्या नाता,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
यही तमन्ना है,
तू ममता लुटाती रहे,
रख गोद में सर मेरा,
मुझे लोरी सुनाती रहे,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
ओ लाड़ली ओ लाड़ली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
स्वर – कनिष्क भईया जी।