म्हारी मावड़ली को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये।।
तर्ज – संतो सुरगा सु आयो है सन्देश।
बारह महीना चाव रवे,
कदे आवे भादव मास,
कद होसी दादी से मिलनो,
कद होसी दादी से मिलनो,
हिवड़े में जागी म्हारे आस,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये।।
दादी म्हारी भोली भाली,
जाने ना कोई रीत,
टाबरिया री बाट उडीके,
टाबरिया री बाट उडीके,
मावड़लिरी याही प्रीत,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये।।
‘अन्नू’ मेले पाछे आवां,
जिव घणो दुःख पाए,
सिर पर हाथ फिरावे दादी,
सिर पर हाथ फिरावे दादी,
हिवड़े से लेवे लिपटाय,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये।।
म्हारी मावड़ली को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
ले चालो म्हाने पिहरिये,
म्हारी दादीजी को आयो है सन्देश,
ले चालो म्हाने पिहरिये।।
स्वर – सौरभ मधुकर।