मेरे नैनो में बस जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
झलक अपनी दिखा जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
तमन्ना एक है मेरी,
तुम्हारा दर्श पाने की,
चमन मन का खिला जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
तेरे दीदार की हसरत,
तेरे दरबार ले आई,
दरश नैनो को दे जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
सुना है प्रेमियों के दिल की तुम,
हर बात सुनते हो,
करम ‘शर्मा’ पे कर जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
मेरे नैनो में बस जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
झलक अपनी दिखा जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
गायिका – कंचन तिवारी।