जाने वाले एक संदेसा,
श्याम प्रभु से कह देना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
जिनको बाबा श्याम बुलाए,
किस्मत वाले होते है,
जो बाबा से मिल नही पाते,
छुप छुप करके रोते है,
जितनी परीक्षा ली है मेरी,
और किसी की ना लेना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
तूने कौन सा काम किया है,
दर पे तुझे बुलाया है,
मैंने कौन सा पाप किया है,
दिल से मुझे भुलाया है,
एक बार मुझे दर पे बुला ले,
इतनी किरपा कर देना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
मुझको ये विश्वास है दिल में,
मेरा बुलावा आएगा,
शीश का दानी दर्शन देके,
मुझे गले लगाएगा,
उसको जाके इतना कहना,
मेरा भरोसा टूटे ना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
कैसा लगता है मेरा बाबा,
मुझको ज़रा बताओ तो
क्या क्या लीला करता है वो,
मुझको जरा सुनाओ तो,
‘बनवारी’ भगतो की दुहाई,
मेरी तरफ से दे देना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
जाने वाले एक संदेसा,
श्याम प्रभु से कह देना,
एक दीवाना याद में रोये,
उसको दर्शन दे देना।।
प्रेषक – संजय शर्मा।
( हिसार हरियाणा )
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