ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो शिव भजन लिरिक्स

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,
गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,
कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,
हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम्।।



हैं जटा बीच मंदाकिनी की छटा,

मुंडमाला गले बीच शोभित महा,
कंठ में माल विषधर लपेटे हुए,
करके सिंगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्।।



बैठे कैलाश पर्वत पर आसन लगा,

भस्म तन पर हो अपने लगाए हुए,
है तुम्हारी निराली ये अनुपम छटा,
सबके आधार सत्यम् शिवम् सुंदरम्।।



न्यारी महिमा तुम्हारी है त्र्यलोक में,

भोले भंडारी तुम बोले जाते प्रभो,
अम्बिका निर्मोही को आस है आपकी,
कर दो उद्धार सत्यम् शिवम् सुंदरम्।।



ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,

गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,
कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,
हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम्।।

भजन प्रेषक – दिनेश जी मिश्र।
9004926118


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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