मैं हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है,
मेरा हाथ पकड़ लो श्याम,
आधार तुम्हारा है,
मै हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा है।
धनवान बहुत जग में,
पर दिल से अमीर नहीं,
तेरे प्रेम के धन से बड़ी,
कोई भी जागीर नहीं,
मैं प्रेमी तुम्हारा हूँ,
तू प्रेमी हमारा है,
मेरा हाथ पकड़ लो श्याम,
आधार तुम्हारा है,
मै हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है।।
दुनिया के झमेले में,
एक पल भी चैन नहीं,
ना दिन गुजरे सुख से,
कटती कोई रैन नहीं,
तेरी शरण पड़ा जो भी,
तूने दुःख से उबारा है,
मेरा हाथ पकड़ लो श्याम,
आधार तुम्हारा है,
मै हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है।।
तेरी छतरी के निचे,
नहीं चिंता फिकर होती,
भक्तो ने जगा ली है,
तेरे नाम की ही ज्योति,
‘चोखानी’ कहे तू ही,
जग पालनहारा है,
मेरा हाथ पकड़ लो श्याम,
आधार तुम्हारा है,
मै हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है।।
मैं हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है,
मेरा हाथ पकड़ लो श्याम,
आधार तुम्हारा है,
मै हार के आया हूँ,
बस तेरा सहारा है।।
Singer – Shikha Ji Bhargav
Writer – Pramod Ji Chokhani