कब होगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे,
दर पे बुलाओगे ओ बाबा कब,
गले से लगाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
कब आएगी घड़ी सुहानी,
फागुण जैसी रुत मस्तानी,
चमकेगी किस्मत मेरी,
प्यास नैनो की बुझाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
पूरी होगी कब मेरी आशा,
किस दिन होगी दूर निराशा,
रात है अंधेरी,
ओ बाबा सूरज दिखाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
जग सागर में जीवन नैया,
तुम बिन इसका कौन खिवैया,
तूफा ने कश्ती घेरी,
ओ बाबा कब पार लगाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
खाटू वाले लौ तुमसे लागी,
दर्शन चाहे ‘भूलन त्यागी’,
कितनी करोगे देरी,
और कितना तड़पाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
कब होगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे,
दर पे बुलाओगे ओ बाबा कब,
गले से लगाओगे,
कब होंगी किरपा तेरी,
ओ बाबा मुझे दर पे बुलाओगे।।
Singer – Harish Magan Saini