अबके बुलाले बाबा श्याम,
खाटु फागण में,
आवे थारी ओल्यू बाबा श्याम,
फागण में।।
संगरा साथीडा सगला जा रहया,
खाटु फागण में,
म्हारे मनडे री सुन पुकार,
फागण में।।
लेके पिचकारी रंग हाथ,
होली खेलां फागण में,
तन्ने करस्यां गुलाबी,
लालम लाल फागण में।।
मनड़ो म्हारो धीर गवावे,
ज्यूँ ज्यूँ फागण नीड़े आवे,
नैन निगोड़ा नीर बहावे रे,
मिजाजी सांवरा,
म्हाने बेगो सो बुलाले,
म्हास्यु रहयो नही जावें।।
चंग मजीरा बाजे सोहवना,
थारे फागण में,
म्हे भी सुनावांगा धमाल,
फागण में।।
मंदरिये आगे घूमर घाल स्यु,
थारे फागण में,
‘रोशन’ बतावे मन रा चाव,
फागण में।।
ओ म्हाने आवे है हिचकी,
बुलावे बाबो श्याम,
खाटु म्हे ज्यास्या,
फागण में,
हो मिलबां खाटु म्हे,
ज्यास्या फागण में।।
– लेखक एवं प्रेषक –
रोशनस्वामी”तुलसी”
9887339360