आया सावन देख चाल,
भोले की फ़ौज ने,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में,
सच्चे मन ते ध्यान करो,
भोले का रोज रे,
राजी राखे स बम भोला,
अपनी फ़ौज ने,
राजी राखे स बम भोला,
अपनी फ़ौज ने।।
हरिद्वार में बहरी रे गंगा,
शिवकी जटा ते आरी स,
आवे कावड़िये दूर दूर त,
भोले किरपा भारी स,
भर के लोटा जल का चढ़ावे,
भोले की फ़ौज रे,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में।।
चांद सजया जो माथे पे,
सारी यो पीड़ा हारी स,
सारे जगत का प्राणपति यो,
शिव भोले भंडारी स,
तन पे रमी भभूत गले,
नागों की फौज रे,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में।।
सबकी बिगड़ी बात बनावे,
यो ऊंचे पर्वत वाला स,
तेरी भगति म मग्न रहवे,
राकेश पायला वाला स,
‘तुलसी’ लिखे महिमा तेरी,
इब क्यांका बोझ स,
गावे सुनीता नरेश महिमा,
इब तो मौज से,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में।।
आया सावन देख चाल,
भोले की फ़ौज ने,
मेरे बम लहरी का डमरू बाजे,
अपनी मौज में,
सच्चे मन ते ध्यान करो,
भोले का रोज रे,
राजी राखे स बम भोला,
अपनी फ़ौज ने,
राजी राखे स बम भोला,
अपनी फ़ौज ने।।
– लेखक एवं प्रेषक –
रोशन स्वामी “तुलसी।
9610473172