हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में ओ गुरूजी भजन लिरिक्स

हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी।

दोहा – गुरु बीणजारा ग्यान रा,
ने लाया वस्तु अमोल,
सौदागर साचा मिले तो,
ले सर साते तोल।
परमेश्वर से गुरु बड़े,
तुम देखो वेद पुराण,
शेख परिंदा यु कहे,
गुरु घर हे भगवान।

हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी,
झूल झूल सुरता नार,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिंड हिंड सुरता नार।।



काया नगर माई,

आमली ओ गुरूजी,
छाई छाई गेर गुमेर,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिन्दो घलई दू सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी,
झूल झूल सुरता नार,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिंड हिंड सुरता नार।।



अगड़ी चन्दन रो,

पालणो ओ गुरु जी,
अरे गाली गाली रेशम डोर,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिन्दो घलई दू सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी,
झूल झूल सुरता नार,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिंड हिंड सुरता नार।।



ओ साथ सहेल्यां रो,

झुलणो ओ गुरूजी,
गावे गावे मंगला चार,
ओ गुरु जी मारा,
गावे गावे मंगला चार
हिन्दो घलई दू सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी,
झूल झूल सुरता नार,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिंड हिंड सुरता नार।।



नाथ गुलाब री,

विनती ओ गुरु जी,
अरे गावे ओ भवानी नाथ,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिन्दो घलई दू सत्संग बाग में,
ओ गुरूजी,
झूल झूल सुरता नार,
ओ सतगुरु जी मारा,
हिंड हिंड सुरता नार।।

गायक – अनिल नागौरी।
प्रेषक – कुलदीप मेनारिया,
आलाखेड़ी 9799294907


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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