जय जय जय हे गणपति तुम्हारी भजन लिरिक्स

जय जय जय हे गणपति तुम्हारी,
तीन लोक के हो तुम दाता,
तीन लोक के हो तुम दाता,
महिमा सबसे है प्रभू न्यारी,
जय जय जय हे गणपति तुम्हारी।।

तर्ज – जय जय हे जगदम्बे माता।



जब जब भक्त ने तुमको पुकारा,

आकर तुमने दिया है सहारा,
तुम देवो के देव गजानन्द,
भक्तो के हितकारी,
जय जय जय हे गणपति तुम्हारी।।



तूम ही सबके भाग्य विधाता,

रिद्धि सिद्धी के हो तुम दाता,
धन्य वो प्राणी जिसने दाता,
कृपा पाई तुम्हारी,
जय जय जय हे गणपति तुम्हारी।।



तुम दीनो के नाथ हो स्वामी,

तुम ही हो प्रभू अँतर्यामी,
मै मूरख आया चरणो में,
पानै शरण तुम्हारी,
जय जय जय हे गणपति तुम्हारी।।



जय जय जय हे गणपति तुम्हारी,

तीन लोक के हो तुम दाता,
तीन लोक के हो तुम दाता,
महिमा सबसे है प्रभू न्यारी,
जय जय जय हे गणपति तुम्हारी।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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