सांवरिया तुझसा नहीं इस अम्बर के नीचे भजन लिरिक्स

सांवरिया तुझसा नहीं,
इस अम्बर के नीचे,
इसलिए तो डोल रही है,
दुनिया पीछे पीछे,
सांवरिया तुझसा नहीं,
इस अम्बर के नीचे।।

तर्ज – दीवाना मुझसा नहीं।



पाके तुझे लगता मुझे,

कोई मिला है अपना,
कभी कभी तो लगता है,
देख रहा हूँ सपना,
हर पल तेरी छवि निहारूँ,
आँखों को मैं मीचे मीचे,
साँवरिया तुझसा नही,
इस अम्बर के नीचे,
इसलिए तो डोल रही है,
दुनिया पीछे पीछे।।



धरती की सब उपमा,

तेरे आगे फीकी लगती,
स्वर्ग भी फीका लागे जब,
खाटू की नगरी सजती,
दर्शन तेरे करने बाबा,
आते है सब खीचे खीचे,
साँवरिया तुझसा नहीं,
इस अम्बर के नीचे,
इसलिए तो डोल रही है,
दुनिया पीछे पीछे।।



श्याम रंगीला बड़ा छबीला,

दिल में बस गया मेरे,
‘श्याम’ कहें जन्मों जन्म तक,
हो गये हम तो तेरे,
भूल ना जाना मुझको वरना,
मर जाऊंगा जीते जीते,
साँवरिया तुझसा नहीं,
इस अम्बर के नीचे,
इसलिए तो डोल रही है,
दुनिया पीछे पीछे।।



सांवरिया तुझसा नहीं,

इस अम्बर के नीचे,
इसलिए तो डोल रही है,
दुनिया पीछे पीछे,
सांवरिया तुझसा नहीं,
इस अम्बर के नीचे।।

Singer : Ravi Beriwal


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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