सिलसिला खाटू में बाबा,
आने का टूटे नहीं,
श्याम के भक्तो का प्यारा,
साथ ये छुटे नहीं।।
तर्ज – सांवली सूरत पे मोहन।
भाव भक्ति की यहाँ पे,
फूटती जो धार है,
तेरे खाटू के अलावा,
और ना फूटे कहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
लुटता हूँ मस्तियाँ मैं,
श्याम तेरे नाम की,
मस्तियो का ये अखाडा,
सांवरे छुटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
सारे रिश्तो से बड़ा है,
श्याम का परिवार ये,
प्रीत की डोरी हमारी,
देखना टूटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
छुट भी जाये जमाना,
मुझको कोई ना गिला,
‘हर्ष’ की मंजिल तू ही है,
दर तेरा छुटे नहीं,
सिलसिला खाटू मे बाबा,
आने का टूटे नहीं।।
सिलसिला खाटू में बाबा,
आने का टूटे नहीं,
श्याम के भक्तो का प्यारा,
साथ ये छुटे नहीं।।
Singer: Swati Agarwal