मेरे जर जर हैं पाँव संभालो प्रभु भजन लिरिक्स

मेरे जर जर हैं पाँव,
संभालो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव,
बिठा लो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।



माया ममता की गलियों में,

भटका हुआ,
मैं हू तृष्णा के पिंजरे में,
अटका हुआ,
डाला विषियों ने घाव,
निकालो प्रभु,
मेरे जर जर है पाँव,
संभालो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।



गहरी नदिया की लहरें,

दीवानी हुई,
टूटे चप्पू पतवार,
पुरानी हुई,
अब ये डूबेगी नाव,
बचालो प्रभु,
मेरे जर जर है पाँव,
संभालो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।



कोई पथ ना किसी ने,

सुझाया मुझे,
फिर भी देखो कहाँ खींच,
लाया मुझे,
तुमसे मिलने का चाव,
मिला लो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव,
बिठा लो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।

 


मन को मुरली की धुन का,
सहारा मिले,
तन को यमुना का शीतल,
किनारा मिले,
हमको वृंदावन धाम,
बसा लो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव,
बिठा लो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।



मेरे जर जर हैं पाँव,

संभालो प्रभु,
अपने चरणों की छाँव,
बिठा लो प्रभु,
मेरे जर जर हैं पाँव।।

Singer : Sadhvi Poonam Didi Ji


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

2 COMMENTS

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