मिलती है जिन्दगी ये हम सबको कभी कभी

मिलती है जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी,
है मोक्ष का ये साधन,
तू करले जतन यदि,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

तर्ज – मिलती है जिन्दगी मे।



मिलती नही है रोज़ ये,

दौलत जहाँन मे,
होती है सतगुरू की,
इनायत कभी कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।



दैवो को भी जो दुर्लभ,

वो काया मिली तुझे,
गुरू की है ये अमानत,
न मैली हो ये कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।



करले भजन हरि का,

स्वारथ को त्याग कर,
मिलती है ये मोहल्लत,
बिरलो को कभी कभी,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।



मिलती है जिन्दगी ये,

हम सबको कभी कभी,
है मोक्ष का ये साधन,
तू करले जतन यदि,
मिलती हैं जिन्दगी ये,
हम सबको कभी कभी।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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