कितना प्यारा द्वारा है,
सतगुरू नँगली वालो का,
इस द्वारे जो आए तो,
सतगुरू करे सँभाल,
करे निहाल,
नँगली वालिये,
हाराँ वालिये,
कितना प्यारा द्वारा है।।
तर्ज – कितना प्यारा वादा है।
हो भला या वो बुरा हो,
प्यारे दोनो है गुरू को,
हो जीवन दाता,
भाग्य विधाता,
करते प्यार समान,
सबको गले लगाते है,
कितना प्यारा द्वारा है।।
पाया हीरे जैसे तन को,
क्यो फँसाया जग मे,
मन को,
हो आजा प्यारे सतगुरू द्वारे,
करले गुरू का ध्यान,
जीवन सफल बना भी ले,
कितना प्यारा द्वारा है।।
जो भी आया द्वार इनके,
बनते सारे काम उनके,
जो जिस भाव से,
गुरु को ध्यावे,
फल वो वैसा पावे,
जिनको गुरु से प्रेम है,
कितना प्यारा द्वारा है।।
कितना प्यारा द्वारा है,
सतगुरू नँगली वालो का,
इस द्वारे जो आए तो,
सतगुरू करे सँभाल,
करे निहाल,
नँगली वालिये,
हाराँ वालिये,
कितना प्यारा द्वारा है।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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बहुत सुंदर भावपूर्ण भजन रचना आपकी ????
गुरु देव की कृपा दृष्टि हमेशा आप पर बनी रहे??