अरे मूरख ये धन दौलत किसी के काम न आए

अरे मूरख ये धन दौलत,
किसी के काम न आए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।

तर्ज – भरी़ दुनिया में आखिर दिल।



तुझे हँसा बना भेजा,

जगत मे मोती चुनने को,
जगत मे मोती चुनने को,
मगर तू कागा बन बैठा,
तुझे गँदगी ही तो भाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।



तुझे दे दी है ये कश्ती,

डुबो या पार तू होजा,
डुबो या पार तू होजा,
अरे पगले हरि भजले,
तो नैया पार हो जाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।



बसा के दिल मे ईश्वर को,

जलाले ज्ञान का दीपक,
जलाले ज्ञान का दीपक,
अरे नादान करो नित ध्यान,
उजाला घट मे हो जाए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।



अरे मूरख ये धन दौलत,

किसी के काम न आए,
लगा हरि चरणो में मन को,
सफल जीवन ये हो जाए।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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