जीवन का क्या ठिकाना चेतावनी भजन लिरिक्स

जीवन का क्या ठिकाना,
करले जतन मेरे मनवा,
एक रोज हमको जाना,
जीवन का क्या ठिकाना।।

तर्ज – मौसम है आशिकाना।



जीवन है एक सराय,

एक आए एक जाए,
करके विचार देखो,
दुनिया मे हम क्यो आए,
भजले हरि को वर्ना,
यमलोक होगा जाना,
यमलोक होगा जाना,
जीवन का क्या ठिकाना।।



जग मे मजे उड़ाने,

को तन नही मिला है,
मुरझाएगा ये एक दिन,
ये बाग जो खिला है,
जीवन कई मिलेगे,
मुश्किल है तन ये पाना,
मुश्किल है तन ये पाना,
जीवन का क्या ठिकाना।।



भजले हरि को मनवा,

चाहे ये जिँदगानी,
कर अब न आनाकानी,
ओ मनवा अभिमानी,
गुरू जो बताई रस्ता,
उस पर तू चलते जाना,
उस पर तू चलते जाना,
जीवन का क्या ठिकाना।।



जीवन का क्या ठिकाना,

करले जतन मेरे मनवा,
एक रोज हमको जाना,
जीवन का क्या ठिकाना।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
/7987402880

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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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